प्रेमानंद महाराज ने बताया श्रीकृष्ण का सबसे शक्तिशाली मंत्र; जन्माष्टमी पर आप भी जान लें, दूर हो जाएंगे आपके जीवन के सारे कष्ट

Shri Krishna Powerful Mantra

Premanand Maharaj on Shri Krishna Most Powerful Mantra

Shri Krishna Powerful Mantra: भगवान श्रीकृष्ण... जिनसे ये संपूर्ण सृष्टि चलाएमान है। जिनकी दिव्यता, भव्यता और शक्ति शब्दों से परे है। ऐसे भगवान कृष्ण अन्न्त रूपों में हैं, उनके अनंत नाम हैं। ऐसे भगवान श्रीकृष्ण का तो नाम लेना ही काफी है और सबसे पावरफुल भी। वहीं शास्त्रों में भगवान कृष्ण के कई मंत्र भी बताए गए हैं जिनके जाप से आप अपने जीवन में खुशहाली और समृद्धि ला सकते हैं। लेकिन वृंदावन वाले संत प्रेमानंद महाराज अक्सर श्रीकृष्ण के एक विशेष मंत्र का जाप करने को कहते हैं।

प्रेमानंद महाराज बताते हैं कि यह बहुत शक्तिशाली मंत्र है और समस्त दुखों और कष्टों को खत्म कर देने वाला है। भगवान श्रीकृष्ण का ये ऐसा मंत्र है जो जीवन की समस्त समस्याओं से मुक्ति दिला सकता है। इसलिए इस जन्माष्टमी पर जब आप श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना करें और अपने लिए सुख-समृद्धि मांगे तो इस मंत्र का जाप जरूर करें। आपके जीवन में चमत्कार हो सकता है। आइये जानते हैं कौन है वो मंत्र?

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श्रीकृष्ण का सबसे शक्तिशाली मंत्र

प्रेमानंद महाराज अक्सर अपने उपदेश में इस मंत्र के बारे में बात करते हैं। वह खुद इस मंत्र का जाप करते रहे हैं और करते हैं। प्रेमानंद महाराज ने एक वीडियो में बताया था कि अगर आपका जीवन कई परेशानियों से जूझ रहा है तो 'कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम:।।' इस महान शक्तिशाली मंत्र का 108 बार जप कर लेना चाहिए। इस अनुष्ठान को करने से आपके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाएंगे।

प्रेमानंद महाराज ने कहा- कोई मंत्र हल्का नहीं

वहीं प्रेमानंद महाराज ने यह भी साफ कहा कि भगवान का कोई भी नाम या मंत्र हल्का या भारी नहीं है। सब समान हैं। दरअसल, एक वीडियो में एक भक्त प्रेमानंद महाराज से भगवान श्रीकृष्ण के सबसे शक्तिशाली मंत्र के बारे में पूछ रहा है। जिस पर महाराज जी कहते हैं कि भगवान कृष्ण के सब नामों में, सब मंत्रों में समान शक्ति विराजमान हैं। कोई हल्का नहीं है। भगवान के अनंत नाम हैं, अनंत मंत्र हैं, अनंत ग्रंथ हैं, अनंत पंथ हैं सब सामान हैं क्योंकि भगवान भगवान हैं।

प्रेमानंद महाराज ने आगे कहा, इसलिए कभी ऐसी भावना ना करें कि यह तो हल्का मंत्र है, हल्का नाम है या वह बहुत गुरु नाम है। सब नाम समान हैं। सभी में एक जैसा सामर्थ्य विराजमान है। जो नाम प्रिय लगे उसे ही जपना चाहिए। जो गुरु देव नाम मंत्र दे दें उस जपना चाहिए। इसलिए किसी मंत्र या नाम को हल्का न समझें। ये हमारे ऊपर है कि हम कैसे जपते हैं। अगर हमें कोई पावरफुल मंत्र मिल जाए और हम जपें नहीं तो इससे कोई लाभ नहीं मिलेगा और हम राम-राम या कृष्ण कृष्ण जपें इसी से ही हम पावरफुल हो जाएंगे।

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